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श्री हरिवंश राय बच्चन का काव्य-संग्रह - मधुकलश Free Download


महान कवि और लेखक श्री हरिवंश राय बच्चन का काव्य-संग्रह - मधुकलश


मधुकलश की रचना लेखक ने १९३५-३६ में की थी ।


अग्रणी कवि बच्चन की कविता का आरंभ तीसरे दशक के मध्य ‘मधु’ अथवा मदिरा के इर्द-गिर्द हुआ और ‘मधुशाला’ से आरंभ कर ‘मधुबाला’ और ‘मधुकलश’ एक-एक वर्ष के अंतर से प्रकाशित हुए। ये बहुत लोकप्रिय हुए और प्रथम ‘मधुशाला’ ने तो धूम ही मचा दी। यह दरअसल हिन्दी साहित्य की आत्मा का ही अंग बन गई है और कालजयी रचनाओं की श्रेणी में खड़ी हुई है।

हरिवंश राय बच्चन का काव्य-संग्रह - मधुबाला Free Download


मधुशाला और मधुकलश के बाद पाठकों के लिए आज प्रस्तुत है - महान कवि और लेखक श्री हरिवंश राय बच्चन का काव्य-संग्रह - मधुबाला


मधुबाला की रचना लेखक ने १९३४-३५ में की थी


अग्रणी कवि बच्चन की कविता का आरंभ तीसरे दशक के मध्य ‘मधु’ अथवा मदिरा के इर्द-गिर्द हुआ और ‘मधुशाला’ से आरंभ कर ‘मधुबाला’ और ‘मधुकलश’ एक-एक वर्ष के अंतर से प्रकाशित हुए। ये बहुत लोकप्रिय हुए और प्रथम ‘मधुशाला’ ने तो धूम ही मचा दी। यह दरअसल हिन्दी साहित्य की आत्मा का ही अंग बन गई है और कालजयी रचनाओं की श्रेणी में खड़ी हुई है।